आप दौड़ में हैं ? या बस चौड़ में हैं ?

इस लेख के सभी पाठकों के लिए मैं ये उल्लेखित करना चाहता हूँ की यह लेख २१ अप्रैल २०१३ में लिखा गया था जब भारत के दोनों बड़े राजनैतिक संगठनों ने (भाजपा एवं इंडियन नेशनल कांग्रेस) अपने प्रधान मंत्री उम्मीदवार की घोषणा नहीं की थी | भाजपा ने बाद में श्री नरेंद्र मोदी को प्रधान […]

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ओ मेरे नेता

ओ मेरे नेता, क्यों तू पैसों को है पूजता? रिश्वतों के काले बाज़ार में क्यों न तेरा हाथ दूझता? इस देश की सेवा में, एक बापू ने जाँ निसार की मगर, अब अगर वो हँस रहे तो सिर्फ सौ-हज़ार के नोटों पर | जब विश्व के शीर्ष पर हो रही भारत की बुलंद पुकार है […]

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