Kyon Ye Khayaal Aata Hai….

किसी को प्यार में खोये देख कर,
क्यों खुद को भूलने का मन करता है…दो अजनबियों को हाथ पकडे देख कर
क्यों खाली सा अपना हाथ लगता है….
तसवीरें देख के जानने वालों की उनके चाहने वालों के साथ,
क्यों रंग अपनी ज़िन्दगी का उड़ा उड़ा सा लगता है…

प्यार की दास्तानों को देख कर, सुन कर, पढ़ कर
क्यों मिसाल अपने प्यार की कायम करने का मन करता है….

कुछ मद्धम गीत गुनगुनाते हुए,
क्यों तुम्हारी कमी महसूस होती है …

तुम जो मुझसे मिली नहीं हो अब तक,
क्यों तुम्हे बाहों में समाने का मन करता है…

तुम्हारी आहट सपना टूटते ही कहीं खो सी जाती है ,
क्यों तुम्हारी हंसी कानों से ज्यादा मेरी आखों में बस जाती है…

नहीं जानता तुम क्या सोचती हो ,
फिर भला क्यों, तुमसे और सिर्फ तुमसे प्यार करने का ख़याल मुझे आता है….

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