एक दुनिया
कुछ रंगीन धागों से बुनी
एक दुनिया मेरी भी है
कुछ हसीं यादों से जुडी
एक दुनिया मेरी भी है
कुछ रंगीन धागों से बुनी
एक दुनिया मेरी भी है
कुछ हसीं यादों से जुडी
एक दुनिया मेरी भी है
ज़िन्दगी की दौड़ में
भागते रहो तो क्यों?
ये भला कि वो बुरा
सोचते रहो तो क्यों?
इस बार कुछ यूँ हुआ….
उम्मीद जाग गयी,
चंद मिसालों से,
ख्वाब उभर उठे
पिघलते सवालों से…
दुःख की धाराओं में
खुशियों की बूँदें ढूंढ ले
थाम ले ख़ुशी का आँचल
और इन दुखों से आज जूझ ले
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